पार्ट - 2
फ़ोटोग्राफ़र बनने का जीवन
फिर दूसरे काम की तलाश में लग गया ! और काम ढूंढते ढूंढते काफी समय लग गया फिर एक काम मिला काज बटन की शॉप पर काम लगा और मैं काम करने लग गया ! यू ही काम करते करते कुछ समय बीत गया और मैं काज और बटन लगाने की मशीन चलाना सिख गया ! उसके बाद मुझे पैसे मिलने लगा ! लेकिन मालिक एक महीने की तन्खवा सिर्फ 600/- रूपए देता था ! लेकिन मैं उस समय छोटा था ! मेरी उम्र लगभग 10 साल की थी ! फिर भी मैं मन लगा कर काम करने लगा और मैंने लगभग एक साल तक काम किया !
काम तो करने लग गया ! पर 600/- रूपए महीना मिलने से भी कुछ फायदे नहीं हो रहा था 1 घर का खर्च ज्यादा होने के कारण और कमाने वाले सिर्फ मैं अकेला ही था ! पर खर्च को पूरा नहीं कर पा रहा था ! अब मैं क्या करू सोंच मैं पड़ गया ! एक टेंशन में मैंने कई दिन खाना नहीं खाया ! तो मेरी मम्मी जी बोली यैसे खाना ना खाने से कब तक काम चलेगा ! चिंता करने की जरुरत नहीं है ! आके खाना खा लो जैसा भगवान चाहेगा वैसा ही होगा ! लेकिन मैंने कहा की भगवन के भरोसे ही नहीं बैठ सकते ! मैं कुछ न कुछ और करूँगा तभी मैंने ठान लिया की अब ज्यादा मेहनत करूँगा और कोई दूसरा काम सीखूंगा ! जिस से मेरा गुजारा हो सके तब मैं कुछ दिन बाद मैं काज बटन का काम को छोड़ दिया 1 और फिर एक बार काम ढूंढने लगा ! कुछ दिन बाद मैं फोटो स्टूडियो की दुकान पर लग गया और अब मेरे जीवन का सही रास्ता मिल ही गया !
to be countinue पार्ट - 3
फ़ोटोग्राफ़र बनने का जीवन
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